- इंदौर एनिमल लिबरेशन की पहल: जानवरों के अधिकारों का हो समर्थन
- सपनों को साकार करने का मंच बन रहा है ‘प्लास्ट पैक 2025’
- शुरू हुआ मध्यभारत का सबसे बड़ा एक्जीबिशन “प्लास्टपैक 2025”, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया उद्घाटन
- आईडी फ्रेश फूड इंदौर में लेकर आया है ऑथेंटिक साउथ इंडियन इडली डोसा बैटर
- शाओमी इंडिया ने रेडमी 14C 5G को बाज़ार में उतारा और रेडमी नोट 14 5G सीरीज़ के लिए 1000 करोड़ रुपए की शानदार उपलब्धि हासिल की
मेलानिस्टिक ब्लैक और व्हाइट टाइगर इंदौर आए
सिल्वर और गोल्डन फिजन के जोड़े भी आए
इंदौर. पहली बार अब शहर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में नर ब्लैक टाइगर भी नजर आएगा. गुरुवार को नंदन कानन जूलाजिकल पार्क ओड़िशा से मेलानिस्टिक ब्लैक टाइगर के साथ मादा सफेद बाघिन, सिल्वर और गोल्डन फिजन पक्षी के जोड़े और तीन घड़ियालों को लाया गया.
उल्लेखनीय है कि इन सभी को एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत लाया गया है. इनके बदले में नंदन कानन पार्क को एक शेरों और भेडिए के जोड़े के अलावा तीन घड़ियाल भी दिए गए है. दोनों बाघों को लाने के बाद पहले तो नहलाया गया फिर इन्हें पिंजरे में छोड़ दिया गया. चार दिन मरंटाइन में रखने के बाद बाघों को बाड़ों में छोड़ा जाएगा.
कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के डा. उत्तम यादव ने बताया कि सभी वन्य प्राणी करीब 1400 किलोमीटर का सफर तय कर आए है. चार दिन मरंटाइन में रखने के दौरान उनके हाव-भाव और स्वास्थ्य पर नजर रखी जाएगी. ब्लैक टाइगर की उम्र चार जबकि व्हाइट टाइगर की उम्र आठ साल है. मेलानिस्टिक बाघ अपने शरीर पर मौजूद कालीधारियों के कारण खास पहचान रखता है. यह दुर्लभ प्रजाति का बाघ भारत में केवल ओड़िशा में पाया जाता है. 2020 की गणना में यह बात सामने आई थी कि काली धारी वाले बाघों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है. घड़ियाल के बदले घड़ियाल बल्ड लाइन बदलने के लिए लाए गए हैं.
गौरतलब है कि पांच साल बाद एक बार फिर कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में व्हाइट टाइगर नजर आएगा. इंदौर जू की आखरी सफेद बाघिन शिवानी की मौत फरवरी 2016 में हो गई थी. उसकी मौत छह साल की उम्र में किडनी, लीवर और हार्ट फेल होने की वजह से हुई थी. इसके बाद से सफेद बाघ को लाने के लिए स्थानीय जू प्रशासन लंबे समय से प्रयास कर रहा था. सेंट्रल जू अर्थर्टी से अनुमति मिलने और शेरों के बाड़े का काम पूरा होने के बाद अब आखिर इंदौर के प्राणी संग्रहालय में एक नर ब्लैक टाइगर और सफेद टाइगर को लाया गया है. सभी वन्य प्राणियों और पक्षियों को लाने लिए वेटरनरी डाक्टरों की टीम भी साथ गई थी.